विश्वास
प्रत्येक विचार विश्वास नहीं होता, परंतु प्रत्येक विश्वास एक विचार होता है। यदि मनोवैज्ञानिक तरीके से व्यवहार के पीछे विचारों को जिम्मेदार माना जाए तो विचारों के पीछे विश्वास मुख्य कारण होता है, इस तरह विश्वास को ही मानव व्यवहार का मूल आधार कहा जाएगा। विश्वास मनुष्य के कार्य, व्यवहार, चिंतन और चरित्र को प्रभवित करता है और मेन्टल एटीट्यूड को गढ़ता है। लोकजीवन में मान्यता है कि दुनिया विश्वास पर टिकी है।
Not every thought is a belief, but every belief is a thought. If thoughts are considered responsible behind behavior in a psychological way, then belief is the main reason behind thoughts, thus belief will be called the basic basis of human behavior. Belief affects the work, behavior, thinking and character of a man and builds mental attitude. There is a belief in folk life that the world rests on faith.
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सत्यार्थप्रकाश मार्गदर्शक यदि किसी को मोक्ष के विषय में जानना हो, तो सत्यार्थप्रकाश का नवम समुल्लास ध्यान से पढना चाहिए। इस सम्बन्ध में बताया गया है कि योग साधना से ही मोक्ष सम्भव है। चित्तवृत्तियों का निरोध करने पर ही आत्मा के वास्तविक स्वरूप का पता चलता है। मोक्ष प्राप्ति को सबसे बड़ा पुरुषार्थ...
महान योगी और चिन्तक महर्षि दयानन्द सरस्वती ने महात्मा विरजानन्द से ढाई वर्ष तक अष्टाध्यायी, महाभाष्य और वेदान्त सूत्र आदि की शिक्षा ग्रहण की। जब शिक्षा पूर्ण करने के बाद विदा की बेला आई तो दयानन्द ने कुछ लौंग गुरुदक्षिणा के रूप में गुरु के सम्मुख रखकर चरण स्पर्श करते हुए देशाटन की आज्ञा मांगी।...
सकारात्मक सोच का विकास बहुत अधिक धन-दौलत, शोहरत और बड़ी-बड़ी उपलब्धियां ही जीवन की सार्थकता-सफलता नहीं मानी जा सकती और ना ही उनसे आनन्द मिलता है। अपितु दैनिक जीवन की छोटी-छोटी चीजों और घटनाओं में आनन्द को पाया जा सकता है। लोग अक्सर अपने सुखद वर्तमान को दांव पर लगाकर भविष्य में सुख और आनन्द की कामना और प्रतीक्षा करते रहते हैं।...