बड़े आदमी
कुछ बड़े आदमी विदेशी शराब और छोटे तंबाकू, गुटखा आदि के शिकार बनते हैं। बीच के मनचले लोग गाँजा, चरस, अफीम, भाँग आदि का जायका लेते हैं। तथाकथित बड़े आदमी एल०एस०डी० कोकीन जैसे कीमती और गहरे नशों का सेवन करते हैं। सबकी प्रतिक्रिया एक-सी है; अंतर विनाशलीला की गति मंद या तीव्र होने का है। जो पैसा अपने परिवार के लोगों की अनिवार्यता आवश्यकताओं की पूर्ति लग सकता था; वह उन आश्रितों पर कुठराघात करके नशे के पिशाच की भेंट चढ़ता है। इसके अभाव में निरीह बच्चे अपनी खुराक, शिक्षा, चिकित्सा जैसी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए तरसते रहते हैं।
Some big men become victims of foreign liquor and small tobacco, gutkha etc. The middle class people take the taste of ganja, charas, opium, cannabis etc. The so-called grown men consume precious and dark drugs like LSD cocaine. Everyone's reaction is the same; The difference is that the pace of destruction is slow or fast. money that could have been used to meet the essential needs of the people of his family; He succumbs to the vampire of intoxicants by attacking those dependents. In its absence, the helpless children yearn for fulfillment of their needs like food, education, medicine.
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महान योगी और चिन्तक महर्षि दयानन्द सरस्वती ने महात्मा विरजानन्द से ढाई वर्ष तक अष्टाध्यायी, महाभाष्य और वेदान्त सूत्र आदि की शिक्षा ग्रहण की। जब शिक्षा पूर्ण करने के बाद विदा की बेला आई तो दयानन्द ने कुछ लौंग गुरुदक्षिणा के रूप में गुरु के सम्मुख रखकर चरण स्पर्श करते हुए देशाटन की आज्ञा मांगी।...
सकारात्मक सोच का विकास बहुत अधिक धन-दौलत, शोहरत और बड़ी-बड़ी उपलब्धियां ही जीवन की सार्थकता-सफलता नहीं मानी जा सकती और ना ही उनसे आनन्द मिलता है। अपितु दैनिक जीवन की छोटी-छोटी चीजों और घटनाओं में आनन्द को पाया जा सकता है। लोग अक्सर अपने सुखद वर्तमान को दांव पर लगाकर भविष्य में सुख और आनन्द की कामना और प्रतीक्षा करते रहते हैं।...