मानसिक शुद्धि
हरा रंग हरियाली व प्रकृति से गहराई से जुड़ा है। हरे रंग का स्वागत करने के लिए वर्षा ऋतू आती है और इसकी सुंदरता में चार चंद लगाने के लिए वसंत ऋतू भी कोई कसर नहीं छोड़ती। इस ऋतू में खेतों की भी शोभा देखते ही बनती है। ऐसा प्रतीत होता है कि मानो धरती पर चारो और हरे मलमल का कालीन बिछ गया हो। हरा रंग हमारी शारीरिक व मानसिक शुद्धि करने के लिए भी प्रयुक्त होता है, इसलिए किसी भी तरह की बीमारी होने पर हरी साग-सब्जियों के सेवन, हरे रंग की मूँग दाल व हरे पेय पदार्थों जैसे-पुदीने, गन्ने, धनिये आदि का शरबत पीने की सलाह दी जाती है।
Green is deeply associated with greenery and nature. The rainy season comes to welcome the green color and the spring season also leaves no stone unturned to add a few things to its beauty. In this season, the beauty of the fields is also made on seeing. It seems as if a carpet of green muslin has been spread all over the earth. Green color is also used for our physical and mental purification, so if there is any kind of disease, drink green vegetables, green moong dal and green beverages like mint, sugarcane, coriander etc. is advised.
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महान योगी और चिन्तक महर्षि दयानन्द सरस्वती ने महात्मा विरजानन्द से ढाई वर्ष तक अष्टाध्यायी, महाभाष्य और वेदान्त सूत्र आदि की शिक्षा ग्रहण की। जब शिक्षा पूर्ण करने के बाद विदा की बेला आई तो दयानन्द ने कुछ लौंग गुरुदक्षिणा के रूप में गुरु के सम्मुख रखकर चरण स्पर्श करते हुए देशाटन की आज्ञा मांगी।...
सकारात्मक सोच का विकास बहुत अधिक धन-दौलत, शोहरत और बड़ी-बड़ी उपलब्धियां ही जीवन की सार्थकता-सफलता नहीं मानी जा सकती और ना ही उनसे आनन्द मिलता है। अपितु दैनिक जीवन की छोटी-छोटी चीजों और घटनाओं में आनन्द को पाया जा सकता है। लोग अक्सर अपने सुखद वर्तमान को दांव पर लगाकर भविष्य में सुख और आनन्द की कामना और प्रतीक्षा करते रहते हैं।...