इच्छा की दौड़
इच्छा नहीं होगी, समय नहीं होगा तो वहाँ पुनर्जन्म नहीं होगा। वहाँ कल होगा ही नहीं। वहाँ सिर्फ आज ही होगा। शायद आज कहना भी ठीक नहीं है, अभी ही होगा, बस, यही क्षण होगा और यह क्षण अनंत होगा। यह क्षण कहीं समाप्त नहीं होगा और कहीं प्रारंभ नहीं होगा। समय वहाँ नहीं होगा।'' समय की जरूरत इसलिए है; क्योंकि इच्छा की दौड़ के लिए स्थान चाहिए। इच्छा दौड़ती है। अगर हमारे शरीर को दौड़ना है तो स्थान की जरूरत पड़ेगी, लेकिन अगर हमारे मन को दौड़ना है तो स्थान की कोई भी जरूरत नहीं, समय काफी है। इसलिए हम सपने में भी दौड़ सकते हैं।
If there is no desire, there is no time, then there will be no rebirth. There will never be tomorrow. There will only be today. Maybe it is not right to say today, it will happen now, that's all, this moment will happen and this moment will be infinite. This moment will never end and will never begin. Time will not be there." The need of time is because; Because the race of desire needs space. Desire runs. If our body wants to run then space is needed, but if our mind has to run then space is not needed, time is enough. That's why we can run even in dreams.
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सत्यार्थप्रकाश मार्गदर्शक यदि किसी को मोक्ष के विषय में जानना हो, तो सत्यार्थप्रकाश का नवम समुल्लास ध्यान से पढना चाहिए। इस सम्बन्ध में बताया गया है कि योग साधना से ही मोक्ष सम्भव है। चित्तवृत्तियों का निरोध करने पर ही आत्मा के वास्तविक स्वरूप का पता चलता है। मोक्ष प्राप्ति को सबसे बड़ा पुरुषार्थ...
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सकारात्मक सोच का विकास बहुत अधिक धन-दौलत, शोहरत और बड़ी-बड़ी उपलब्धियां ही जीवन की सार्थकता-सफलता नहीं मानी जा सकती और ना ही उनसे आनन्द मिलता है। अपितु दैनिक जीवन की छोटी-छोटी चीजों और घटनाओं में आनन्द को पाया जा सकता है। लोग अक्सर अपने सुखद वर्तमान को दांव पर लगाकर भविष्य में सुख और आनन्द की कामना और प्रतीक्षा करते रहते हैं।...