आर्थिक सुधार
जहाँ माता-पिता, छोटे भाई-बहन, विधवाएँ, विधुर आर्थिक तथा अन्य कारणों से विवश होकर एक ही नाव में बैठकर जिंदगी पार करते हैं। हमारी आर्थिक मान्यताएँ, बच्चों का भविष्य, आर्थिक परिस्थितियाँ एवं उपार्जन की कठिनाई को देखते हुए परिवार को इस प्रकार तोड़-फोड़ डालना संभव नहीं हो सकता। पश्चिमी देशों की अपेक्षा हमारे लिए यह और भी अधिक आवश्यक है कि परिवार की परिस्थितियाँ सुधारने का प्रयत्न किया जाए और यह कार्य आर्थिक सुधारने से नहीं, मानसिक स्तरों के स्वस्थ निर्माण से ही संभव है। घर के लोग सद्गुणी बने तभी समस्या सुलझ सकती है।
Where parents, younger siblings, widows, widowers are compelled due to financial and other reasons, they cross life in the same boat. In view of our economic beliefs, children's future, economic conditions and the difficulty of earning, it is not possible to sabotage the family in this way. It is even more necessary for us than in the western countries that efforts should be made to improve the conditions of the family and this work is possible only by healthy building of mental levels, not by improving economic. The problem can be solved only if the people of the house become virtuous.
Economic Recovery | Arya Samaj Annapurna Indore, 9302101186 | Arya Samaj Indore | Arya Samaj Mandir Indore | Arya Samaj Marriage Indore | Arya Samaj Pandits for Gayatri Havan | Aryasamaj Mandir Marriage Helpline | Legal Marriage Helpline conductor Annapurna Indore | Validity of Arya Samaj Marriage Annapurna Indore | Arya Samaj Mandir Marriage Helpline Annapurna Indore | Arya Samaj Pandits for Havan Annapurna Indore | Court Marriage Annapurna Indore | Legal Marriage Helpline Consultant | Validity of Arya Samaj Marriage Certificate Annapurna Indore | Arya Samaj Mandir Shaadi Annapurna Indore | Arya Samaj Pandits for Legal Marriage Annapurna Indore | Court Marriage Helpline Annapurna Indore | Marriage Booking Annapurna Indore | Vastu Correction Without Demolition Annapurna Indore | Arya Samaj Mandir Shadi Annapurna Indore | Arya Samaj Pandits for Pooja Annapurna Indore | Gayatri Mandir | Indore Aarya Samaj | Vedic Pandits Helpline Annapurna Indore
महान योगी और चिन्तक महर्षि दयानन्द सरस्वती ने महात्मा विरजानन्द से ढाई वर्ष तक अष्टाध्यायी, महाभाष्य और वेदान्त सूत्र आदि की शिक्षा ग्रहण की। जब शिक्षा पूर्ण करने के बाद विदा की बेला आई तो दयानन्द ने कुछ लौंग गुरुदक्षिणा के रूप में गुरु के सम्मुख रखकर चरण स्पर्श करते हुए देशाटन की आज्ञा मांगी।...
सकारात्मक सोच का विकास बहुत अधिक धन-दौलत, शोहरत और बड़ी-बड़ी उपलब्धियां ही जीवन की सार्थकता-सफलता नहीं मानी जा सकती और ना ही उनसे आनन्द मिलता है। अपितु दैनिक जीवन की छोटी-छोटी चीजों और घटनाओं में आनन्द को पाया जा सकता है। लोग अक्सर अपने सुखद वर्तमान को दांव पर लगाकर भविष्य में सुख और आनन्द की कामना और प्रतीक्षा करते रहते हैं।...