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विशेष सूचना - Arya Samaj, Arya Samaj Mandir तथा Arya Samaj Marriage और इससे मिलते-जुलते नामों से Internet पर अनेक फर्जी वेबसाईट एवं गुमराह करने वाले आकर्षक विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं। अत: जनहित में सूचना दी जाती है कि इनसे आर्यसमाज विधि से विवाह संस्कार व्यवस्था अथवा अन्य किसी भी प्रकार का व्यवहार करते समय यह पूरी तरह सुनिश्चित कर लें कि इनके द्वारा किया जा रहा कार्य पूरी तरह वैधानिक है अथवा नहीं। "आर्यसमाज संस्कार केन्द्र अन्नपूर्णा इन्दौर" अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट द्वारा संचालित इन्दौर में एकमात्र केन्द्र है। भारतीय पब्लिक ट्रस्ट एक्ट (Indian Public Trust Act) के अन्तर्गत पंजीकृत अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट एक शैक्षणिक-सामाजिक-धार्मिक-पारमार्थिक ट्रस्ट है। आर्यसमाज संस्कार केन्द्र अन्नपूर्णा इन्दौर के अतिरिक्त इन्दौर में अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट की अन्य कोई शाखा या आर्यसमाज मन्दिर नहीं है। Arya Samaj Sanskar Kendra Annapurna Indore is run under aegis of Akhil Bharat Arya Samaj Trust. Akhil Bharat Arya Samaj Trust is an Eduactional, Social, Religious and Charitable Trust Registered under Indian Public Trust Act. Arya Samaj Sanskar Kendra Annapurna Indore is the only controlled by Akhil Bharat Arya Samaj Trust in Madhya Pradesh. We do not have any other branch or Centre in Indore. Kindly ensure that you are solemnising your marriage with a registered organisation and do not get mislead by large Buildings or Hall.
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प्रत्यक्ष की उत्पत्ति परोक्ष में

मन की, आँखों की बनावट ऐसी है, जिसमें बाहर की वस्तुएँ ही दीखती हैं। बाहर से भी सिकुड़कर वे सामने ही केंद्रित रह जाती हैं। जो चीजें सामने नहीं, वे ध्यान में ही नहीं रहतीं। फोड़ा उठता है, तो दीखता है। अपच में क्या हानि हो सकती है, यह समझ में नहीं आता; क्योंकि पेट का भारीपन प्रत्यक्ष नहीं है। सच बात यह है कि प्रत्यक्ष की उत्पत्ति परोक्ष में होती है। जो भीतर है, वही उबालकर बाहर आता है और जब उस उफान का स्वरूप सामने आता है, तब प्रतीत होता है कि समय से पहले ध्यान देने की बात याद ही नहीं रही। 

The structure of the mind, the eyes is such, in which only the outside things are visible. By shrinking from outside also, they remain focused in front. Things which are not in front, they do not remain in meditation. If the boil rises, then it is visible. What can be the harm in indigestion, it is not understood; Because the heaviness of the stomach is not visible. The truth is that the direct has its origin in the indirect. That which is inside comes out after boiling and when the form of that boom comes to the fore, then it seems that there is no memory of paying attention ahead of time.

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