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विशेष सूचना - Arya Samaj, Arya Samaj Mandir तथा Arya Samaj Marriage और इससे मिलते-जुलते नामों से Internet पर अनेक फर्जी वेबसाईट एवं गुमराह करने वाले आकर्षक विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं। अत: जनहित में सूचना दी जाती है कि इनसे आर्यसमाज विधि से विवाह संस्कार व्यवस्था अथवा अन्य किसी भी प्रकार का व्यवहार करते समय यह पूरी तरह सुनिश्चित कर लें कि इनके द्वारा किया जा रहा कार्य पूरी तरह वैधानिक है अथवा नहीं। "आर्यसमाज संस्कार केन्द्र अन्नपूर्णा इन्दौर" अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट द्वारा संचालित इन्दौर में एकमात्र केन्द्र है। भारतीय पब्लिक ट्रस्ट एक्ट (Indian Public Trust Act) के अन्तर्गत पंजीकृत अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट एक शैक्षणिक-सामाजिक-धार्मिक-पारमार्थिक ट्रस्ट है। आर्यसमाज संस्कार केन्द्र अन्नपूर्णा इन्दौर के अतिरिक्त इन्दौर में अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट की अन्य कोई शाखा या आर्यसमाज मन्दिर नहीं है। Arya Samaj Sanskar Kendra Annapurna Indore is run under aegis of Akhil Bharat Arya Samaj Trust. Akhil Bharat Arya Samaj Trust is an Eduactional, Social, Religious and Charitable Trust Registered under Indian Public Trust Act. Arya Samaj Sanskar Kendra Annapurna Indore is the only controlled by Akhil Bharat Arya Samaj Trust in Madhya Pradesh. We do not have any other branch or Centre in Indore. Kindly ensure that you are solemnising your marriage with a registered organisation and do not get mislead by large Buildings or Hall.
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परोपकार क्या है ?

ध्यान से देखें तो इसकी तीन स्थितियाँ - परामर्श, कार्यसिद्धि में सहयोग और आर्थिक सहायता। अपनी योग्यता, क्षमता और अनुभव के आधार पर लोगों को सन्मार्ग पर चलने का परामर्श देना चाहिए। उचित समय पर हितकारी परमार्थ जीवन में प्रकाशस्तंभ का कार्य करता है। इसी प्रकार जहाँ जब भी संभव हो दूसरों को हर प्रकार से कार्यसिद्धि में सहयोग देने व आर्थिक सहायता देने से पीछे नहीं हटना चाहिए। सच्चा परोपकारी सदा प्रसन्नचित रहता है और आंतरिक हर्ष की अनुभूति करता है; दिव्य प्रकाश का अनुभव करता है। व्यक्ति जितना परोपकारी बनता है; उतना ही ईश्वर की समीपता प्राप्त करता है। सत्पुरुष वे हैं, जो बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की भलाई करते हैं। परोपकार के लिए संकुचित विचारों को छोड़ने की आवश्यकता होती है।

If you look carefully, its three conditions - consultation, cooperation in achievement and financial assistance. On the basis of their ability, ability and experience, people should be advised to walk on the right path. At the right time, the benevolent charity acts as a beacon of light in life. Similarly, whenever possible, one should not shy away from helping others in every way and giving financial assistance. A true benefactor is always happy and feels inner joy; experiences divine light. The more charitable the person becomes; The more one attains the nearness of God. Good men are those who do good to others without any selfishness. Charity requires letting go of narrow thoughts.

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