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विशेष सूचना - Arya Samaj, Arya Samaj Mandir तथा Arya Samaj Marriage और इससे मिलते-जुलते नामों से Internet पर अनेक फर्जी वेबसाईट एवं गुमराह करने वाले आकर्षक विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं। अत: जनहित में सूचना दी जाती है कि इनसे आर्यसमाज विधि से विवाह संस्कार व्यवस्था अथवा अन्य किसी भी प्रकार का व्यवहार करते समय यह पूरी तरह सुनिश्चित कर लें कि इनके द्वारा किया जा रहा कार्य पूरी तरह वैधानिक है अथवा नहीं। "आर्यसमाज संस्कार केन्द्र अन्नपूर्णा इन्दौर" अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट द्वारा संचालित इन्दौर में एकमात्र केन्द्र है। भारतीय पब्लिक ट्रस्ट एक्ट (Indian Public Trust Act) के अन्तर्गत पंजीकृत अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट एक शैक्षणिक-सामाजिक-धार्मिक-पारमार्थिक ट्रस्ट है। आर्यसमाज संस्कार केन्द्र अन्नपूर्णा इन्दौर के अतिरिक्त इन्दौर में अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट की अन्य कोई शाखा या आर्यसमाज मन्दिर नहीं है। Arya Samaj Sanskar Kendra Annapurna Indore is run under aegis of Akhil Bharat Arya Samaj Trust. Akhil Bharat Arya Samaj Trust is an Eduactional, Social, Religious and Charitable Trust Registered under Indian Public Trust Act. Arya Samaj Sanskar Kendra Annapurna Indore is the only controlled by Akhil Bharat Arya Samaj Trust in Madhya Pradesh. We do not have any other branch or Centre in Indore. Kindly ensure that you are solemnising your marriage with a registered organisation and do not get mislead by large Buildings or Hall.
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राज-विद्या 
भगवान ने अर्जुन से कहा - अर्जुन ! मै तुझे दोष दृष्टि रहित भक्त के लिए अब अत्यन्त गोपनीय ज्ञान को रहस्य सहित कहूँगा, जिसे जानकर तू दुःख स्वरूप संसार से मुक्त हो जायगा। भगवान इसे गुह्यतम ज्ञान कह रहे हैं। वेद व्यास ने बड़ी कृपा करके भगवान की इस वाणी को जगत् के कल्याण के लिए प्रस्तुत किया है। भगवान ने कहा कि यह जो ज्ञान तुझे दे रहा हूँ, यह राज-विद्या है, विद्याओं में श्रेष्ठतम विद्या है। इससे बड़ा दूसरा कोई ज्ञान दुनिया में नहीं है। दूसरी सब विद्याएं उदर-पोषण की कला सिखाती हैं। वे वैभव प्रतिष्ठा दिलाने में सहायक होती हैं, किन्तु यह जो विद्या है, वह तो व्यक्ति को जीवन जीना सिखाती है और आत्म ज्ञान देकर साक्षात्कार कराती है एवं मोक्ष दिलाती है जो कि जीवन का अंतिम एवं परम लक्ष्य है। यह विद्या राजविद्या है और व्यक्ति को शहंशाह बनती है।

God said to Arjun - Arjun! I will now tell you the most confidential knowledge with secrets for the devotee without fault vision, knowing which you will be free from the world of sorrow. God is calling it the most secret knowledge. Ved Vyas has kindly presented this speech of God for the welfare of the world. God said that this knowledge that I am giving you is Raj-Vidya, the best of Vidyas. There is no other knowledge greater than this in the world. All other disciplines teach the art of nutrition. They are helpful in getting glory and prestige, but this education, it teaches a person to live life and gives self-knowledge and leads to interview and salvation which is the ultimate and ultimate goal of life. This knowledge is Rajvidya and a person becomes an emperor.

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  • महर्षि दयानन्द की प्रतिज्ञा

    महान योगी और चिन्तक महर्षि दयानन्द सरस्वती ने महात्मा विरजानन्द से ढाई वर्ष तक अष्टाध्यायी, महाभाष्य और वेदान्त सूत्र आदि की शिक्षा ग्रहण की। जब शिक्षा पूर्ण करने के बाद विदा की बेला आई तो दयानन्द ने कुछ लौंग गुरुदक्षिणा के रूप में गुरु के सम्मुख रखकर चरण स्पर्श करते हुए देशाटन की आज्ञा मांगी।...

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  • सकारात्मक सोच का विकास

    सकारात्मक सोच का विकास बहुत अधिक धन-दौलत, शोहरत और बड़ी-बड़ी उपलब्धियां ही जीवन की सार्थकता-सफलता नहीं मानी जा सकती और ना ही उनसे आनन्द मिलता है। अपितु दैनिक जीवन की छोटी-छोटी चीजों और घटनाओं में आनन्द को पाया जा सकता है। लोग अक्सर अपने सुखद वर्तमान को दांव पर लगाकर भविष्य में सुख और आनन्द की कामना और प्रतीक्षा करते रहते हैं।...

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