Call Now : 9302101186, 9300441615 | MAP
     
विशेष सूचना - Arya Samaj, Arya Samaj Mandir तथा Arya Samaj Marriage और इससे मिलते-जुलते नामों से Internet पर अनेक फर्जी वेबसाईट एवं गुमराह करने वाले आकर्षक विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं। अत: जनहित में सूचना दी जाती है कि इनसे आर्यसमाज विधि से विवाह संस्कार व्यवस्था अथवा अन्य किसी भी प्रकार का व्यवहार करते समय यह पूरी तरह सुनिश्चित कर लें कि इनके द्वारा किया जा रहा कार्य पूरी तरह वैधानिक है अथवा नहीं। "आर्यसमाज संस्कार केन्द्र अन्नपूर्णा इन्दौर" अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट द्वारा संचालित इन्दौर में एकमात्र केन्द्र है। भारतीय पब्लिक ट्रस्ट एक्ट (Indian Public Trust Act) के अन्तर्गत पंजीकृत अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट एक शैक्षणिक-सामाजिक-धार्मिक-पारमार्थिक ट्रस्ट है। आर्यसमाज संस्कार केन्द्र अन्नपूर्णा इन्दौर के अतिरिक्त इन्दौर में अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट की अन्य कोई शाखा या आर्यसमाज मन्दिर नहीं है। Arya Samaj Sanskar Kendra Annapurna Indore is run under aegis of Akhil Bharat Arya Samaj Trust. Akhil Bharat Arya Samaj Trust is an Eduactional, Social, Religious and Charitable Trust Registered under Indian Public Trust Act. Arya Samaj Sanskar Kendra Annapurna Indore is the only controlled by Akhil Bharat Arya Samaj Trust in Madhya Pradesh. We do not have any other branch or Centre in Indore. Kindly ensure that you are solemnising your marriage with a registered organisation and do not get mislead by large Buildings or Hall.
arya samaj marriage indore gif alert

गौ हत्या बंद हो सकेगी क्या - 1

उन्नसवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध तक भारत का किसान गाय तथा उसकी नस्ल पर पूरी तरह आधारित था। गाय का दूध उसके बाच्छे-बांछियों पषुधन ही नहीं किसान धन के रूप में मानी और जानी जाती थी। गोदुग्ध अमृत था और है। यहां तक कि गाय का दूध, घी, गोमूत्र, उसका गोबर रसायनयुक्त, उसके मरने के बाद उसका चमड़ा अन्य पशुओं केमड़े की बनिस्वत अत्यधिक उत्तम सिद्ध हुआ है परन्तु हालत और समय ने इतने लाभकारी तथा उत्तम पशु को बेकरी की गर्दिश में धकेल दिया है। पशु प्रतिस्पर्धा में भैंस गाय को पीछे नहीं धकेल पाई थी। परन्तु बदलते युग ने गाय को समाज के नैपथ्य पर खड़ा करने के लिये विवश कर दिया है। जनसंख्या के फैलाव के कारण चरागाहें सिकुड़ गईं, विज्ञान ने गाय के बछड़ों के मुकाबले में ट्रेक्टर ला खड़ा करने के लिए विवश कर दिया है। खेती के अन्य यंत्रों के कारणों ने बी बैलों को किसानों के लिए पूर्णतः अनुपयुक्त सिद्ध कर दिया। किसान के घर में गाय एक फ़ालतू पशु के रूप में खड़ी दिखाई देने लगी। गाय के हजारों गुणों वाले दूध पर बैंस का दूध सवार हो गया। अब तो भैंस का दूध पिओ, उसके बेटों को बग्घी में जोतो और ट्रैक्टरों से खेती करो। और गाय? गाय बेचारी शहर के हाठ-बाजारों में झूठी पतलें चाटो, मंडी वालों के डंडे खाओ और इधर-उधर घूमघाम कर लावारिस जीवन व्यतीत करो। देश के कुछ गरीब परदेशों में अब भी गाय का थोड़ा बहुत उपयोग रह गया है वर्ना तो हरयाणा और पंजाब जैसे प्रदेशों ने तो गाय की उपदेशों ने तो गाय की उपयोगिता को पूरी तरह से बेदखल कर दिया है। अब तो उच्च वर्ग के साधु-संतो द्वारा शहरों में गुंजाए जाने वाले वे नारे भी ''देश धर्म का नाता है, गाय हमारी माता है।'' सुनाई देने भी बंद हो गए हैं। फिर अब सर्वोच्च न्यायलय के गौहत्या पर प्रतिबंधित निर्णय का क्या महत्त्व रह जायेगा?
rishi dayanand
हिन्दू समाज का संवेदनशील एवं ज्वलंत प्रश्न :-
जब गाय समाज और किसान के लिए महत्वहीन हो गई है तो सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की महत्ता कितने दिन तक बनी रहेगी? जबकि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को भी न्यायविदों ने एक प्रदेश की याचिका से जोड़कर उसकी सीमाओं पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।

सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय सिमीत है या व्यापक है, निसंदेह यह भी एक बहस का विषय है परन्तु दूसरा बहस का विषय यह है कि गाय का जीवन बचने के बाद भी उसके जीवन की उपयोगिता कैसे बचाई जाए? यह भी एक सच्चाई है कि गाय का जीवन किसान के लिए पूरी तरह अनुपयोगी सिद्ध हो चूका है या हो रहा है। जो गाय भारतीय समाज के लिए सर्वोच्च पशुधन मानी जाती थी, वह चाहे आज भी अपने गुणों से मूल्यवान क्यों न हो परन्तु किसान के लिये जरूर मूल्यहीन होकर रह गई है। आयुर्वेद और उसका चिकित्साशास्त्र गाय को कभी भी अनुपयोगी नहीं मान सकता और जब तक इस धरती पर यह सृष्टि कायम है आयुर्वेद की महत्ता और महानता को अमान्य करार नहीं दिया जा सकता।
Motivational speech on Vedas by Dr. Sanjay Dev
Introduction to the Vedas | सुख-शान्ति एवं सुखी जीवन के वैदिक - सूत्र वेद कथा -11

अब तो अंग्रेजी दवा बनाने वाली कंपनियां भी पूरी तरह आयुर्वेद की मोहताज हो गई हैं और यहां तक कि देश और दुनियां के अन्य चिकित्साशास्त्र एवं पद्धतियां भी आयुर्वेद के सहारे से ही फल फूल रही हैं। चिकित्सा के ज्ञान ने यह सिद्ध कर दिया है कि दुनियां की कोई भी चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद की सहायता के बिना आगे नहीं बढ़ सकती। आयुर्वेद आज की दुनियां में सब चिकित्सा पद्धतियों का केन्द्रबिन्दु बनकर रह गया है। और जहां तक आयुर्वेद का सम्बन्ध है वह गाय की सहायता के बिना दो कदम भी आगे नहीं बढ़ सकता। भारतीय समाज गाय का जीवन बचा सके या न बचा सके परन्तु आयुर्वेद को गाय का जीवन बचने के लिए भी बाध्य होना पड़ेगा। गाय और आयुर्वेद का जीवन उनका भाग्य और भविष्य एक दूसरे के साथ जुड़ा हुआ है। जबकि इस संसार और सृष्टि का जीवन भी पूरी तरह आयुर्वेद पर ही निर्भर करता है। ऐसी परिस्थिति में भारतीय समाज तो बेशक गाय का जीवन बचाने से ऊब गया हो परन्तु गाय इस सृष्टि का जीवन बचाने से ऊब नहीं सकती।

यह समाज गाय का जीवन बचाने के लिए चाहे अपनी छमता खो बैठा हो परन्तु गाय समाज का जीवन बचाने के लिए पूरी तरह से कटिबद्ध है। आयुर्वेद की प्राय सभी दवाओं में गाय के गोबर-गोमूत्र से लेकर दूध-घी, उसके खून-चमड़ी और यहां तक कि बालों, हड्डियों का भी प्रयोग होता है। ऐसी परिस्थिति में सुप्रीम कोर्ट, यह समाज, गाय की रक्षा करे या न करे, आयुर्वेद गाय की रक्षा जरूर करेगा और इस समाज तथा सरकार को आयुर्वेद की रक्षा करने की अपनी विवशता है, मज़बूरी है। अतः गाय का जीवन इस सृष्टि के जीवन के साथ बंधा हुआ है। जब तक यह संसार जीवित है गाय भी जिंदाबाद है। गाय का नाता किसी धर्म-मजहब से बंधा हुआ नहीं है, गाय का नाता इंसानी जीवन से बंधा हुआ है। इस्लाम के जन्मदाता पैगम्बर हजरत मुहम्मद ऐसे स्थान पर पैदा हुए थे जहां चरों ओर रेत ही रेत था, वर्षा कभी-कभार ही होती थी। अकाल ही अकाल पड़ते थे, बेहद भुखमरी का आलम था। अन्न के अभाव में हजरत मुहम्मद ने मांस खाना अपने धर्म के साथ जोड़ दिया। मुसलमान भी गाय को उपयोगी मानते हैं परन्तु कुछ लोगों ने गाय के मांस और खाल का धंधा अपने व्यापार के साथ जोड़ दिया तथा वे गाय की हत्या करने लगे। एक अमानवीय दुराचार को के लिए सरकार, समाज और न्यायालयों को गाय की रक्षा के लिए आगे आना पड़ा है या आगे आना चाहिए।

Contact for more info. -
Arya Samaj Mandir Annapurna
Akhil Bharat Arya Samaj Trust
Bank Colony, Near Bank of India
Opp. Dussehra Maidan
Annapurna Road, Indore (MP)
Tel.: 0731-2489383, 9302101186
www.aryasamajindore.com 

------------------------------------------------
आर्य समाज मन्दिर अन्नपूर्णा इन्दौर
अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट
बैंक कॉलोनी, दशहरा मैदान के सामने
बैंक ऑफ़ इण्डिया के पास
नरेन्द्र तिवारी मार्ग
अन्नपूर्णा, इन्दौर (मध्य प्रदेश) 452009
दूरभाष : 0731-2489383, 9302101186
www.akhilbharataryasamaj.org 

 

The Decision of the Supreme Court is Limited or Broad, of Course it is also a matter of Debate but the second Debate is how to save the Usefulness of the life of the cow even after saving it? It is also a fact that the life of the cow has proved to be completely useless for the farmer or is happening. The cow which was Considered to be the Supreme Livestock for the Indian Society, even if it is still valued by its Qualities, but has Definitely Remained Valueless for the Farmer.

 

Arya Samaj Mandir Annapurna Indore, Arya Samaj Mandir Bank Colony Indore, Arya Samaj Pandit Indore, Arya Samaj Indore for Garhwa - Abohar - Mumbai City - A.B. Road - Yeshwant Road Indore.

Arya Samaj Mandir Indore | Arya Samaj Mandir Annapurna Indore | Arya Samaj Marriage Indore | Arya Samaj Mandir Marriage Annapurna Indore | Official Website of Arya Samaj Indore | Indore Arya Samaj | Inter Caste Marriage Helpline Indore |  Inter Caste Marriage Promotion for Prevent of Untouchability | Arya Samaj All India | Arya Samaj Mandir | Arya Samaj Marriage | Arya Samaj Marriage Rules Indore | Arya Samaj Wedding Ceremony Indore | Documents Required for Arya Samaj Marriage Annapurna Indore | Arya Samaj Legal Marriage Service Bank Colony Indore | Arya Samaj Pandits Helpline Indore | Arya Samaj Mandir Bank Colony Indore. 

  • महर्षि दयानन्द की प्रतिज्ञा

    महान योगी और चिन्तक महर्षि दयानन्द सरस्वती ने महात्मा विरजानन्द से ढाई वर्ष तक अष्टाध्यायी, महाभाष्य और वेदान्त सूत्र आदि की शिक्षा ग्रहण की। जब शिक्षा पूर्ण करने के बाद विदा की बेला आई तो दयानन्द ने कुछ लौंग गुरुदक्षिणा के रूप में गुरु के सम्मुख रखकर चरण स्पर्श करते हुए देशाटन की आज्ञा मांगी।...

    Read More ...

  • सकारात्मक सोच का विकास

    सकारात्मक सोच का विकास बहुत अधिक धन-दौलत, शोहरत और बड़ी-बड़ी उपलब्धियां ही जीवन की सार्थकता-सफलता नहीं मानी जा सकती और ना ही उनसे आनन्द मिलता है। अपितु दैनिक जीवन की छोटी-छोटी चीजों और घटनाओं में आनन्द को पाया जा सकता है। लोग अक्सर अपने सुखद वर्तमान को दांव पर लगाकर भविष्य में सुख और आनन्द की कामना और प्रतीक्षा करते रहते हैं।...

    Read More ...

आलेख

Copyright © 2021. All Rights Reserved.