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विशेष सूचना - Arya Samaj, Arya Samaj Mandir तथा Arya Samaj Marriage और इससे मिलते-जुलते नामों से Internet पर अनेक फर्जी वेबसाईट एवं गुमराह करने वाले आकर्षक विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं। अत: जनहित में सूचना दी जाती है कि इनसे आर्यसमाज विधि से विवाह संस्कार व्यवस्था अथवा अन्य किसी भी प्रकार का व्यवहार करते समय यह पूरी तरह सुनिश्चित कर लें कि इनके द्वारा किया जा रहा कार्य पूरी तरह वैधानिक है अथवा नहीं। "आर्यसमाज संस्कार केन्द्र अन्नपूर्णा इन्दौर" अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट द्वारा संचालित इन्दौर में एकमात्र केन्द्र है। भारतीय पब्लिक ट्रस्ट एक्ट (Indian Public Trust Act) के अन्तर्गत पंजीकृत अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट एक शैक्षणिक-सामाजिक-धार्मिक-पारमार्थिक ट्रस्ट है। आर्यसमाज संस्कार केन्द्र अन्नपूर्णा इन्दौर के अतिरिक्त इन्दौर में अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट की अन्य कोई शाखा या आर्यसमाज मन्दिर नहीं है। Arya Samaj Sanskar Kendra Annapurna Indore is run under aegis of Akhil Bharat Arya Samaj Trust. Akhil Bharat Arya Samaj Trust is an Eduactional, Social, Religious and Charitable Trust Registered under Indian Public Trust Act. Arya Samaj Sanskar Kendra Annapurna Indore is the only controlled by Akhil Bharat Arya Samaj Trust in Madhya Pradesh. We do not have any other branch or Centre in Indore. Kindly ensure that you are solemnising your marriage with a registered organisation and do not get mislead by large Buildings or Hall.
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विचारप्रणाली
विज्ञान और धर्म दोनों के अविभाज्य अंग है। ये तार्किक एवं आध्यात्मिक दो ऐसे सूत्र हैं, जो मानवीय स्वाभाव में अविच्छित रूप रूप से जुड़े हैं। प्रकृतिगत इस सत्य को नजरअंदाज कर देने के कारण एक दौर ऐसा भी आया जब तार्किकता के अभाव में धर्म अंधविश्वासों-अंधमान्यताओं से भर गया और भावशून्य विचारप्रणाली से विध्वंशक नाभिकीय आयुधों का बेशुमार निर्माण होने लगा। मानवीय इतिहास के विभिन्न युगों में जब भी ऐसी स्थिति आई है, परिणति भयावह ही हुई है।

Science and religion are inseparable parts of both. These two threads, logical and spiritual, are inextricably linked in human nature. Due to ignoring this natural truth, a time also came when due to lack of rationality, religion was filled with superstitions and superstitions and due to emotionless thinking, destructive nuclear weapons started being manufactured innumerable. Whenever such a situation has occurred in different eras of human history, the result has been horrifying.

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